जिस तरह ग्रीन टी को वेट लॉस में कारगर माना गया है, उसी तरह ग्रीन कॉफी को लेकर भी वैसा ही दावा किया जाता रहा है। ग्रीन कॉफी असल में कच्ची कॉफी बीन्स से बनाई जाती है। इसमें क्लोरोजेनिक ऐसिड होता है जो वजन घटाने में सहायक माना जाता है। कच्ची कॉफी बीन्स में क्लोरोजेनिक ऐसिड की मात्रा अधिक होती है, इसीलिए पकी हुई कॉफी बीन्स के मुकाबले, कच्ची बीन्स से निकली कॉफी को वेट लॉस में इफेक्टिव माना गया है। यह ऐसिड एक तरह का ऐंटी-ऑक्सिडेंट होता है जो हेल्दी माना जाता है।


ग्रीन कॉफी के साथ ये चीजें भी जरूरी-


पर क्या वाकई सिर्फ ग्रीन कॉफी पीकर वजन घटाया जा सकता है? नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो नहीं करते यानी न तो हेल्दी खाते हैं और न ही एक्सर्साइज या योग वगैरह करते हैं, तो सिर्फ ग्रीन कॉफी के सेवन से वजन नहीं घट पाएगा। हालांकि ग्रीन कॉफी को अधिक मात्रा में पीने से आपकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा न के बराबर होती है।




ग्रीन कॉफी बीन्स में विटमिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह हमारे शरीर में पोषक तत्वों के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इससे वजन नियंत्रण में रहता है।




क्या कहती है स्टडी-



एक शोध के मुताबिक, कच्ची ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक ऐसिड बॉडी फैट और ब्लड ग्लूकोज को बर्न करने में मदद करता है। साथ ही यह गुड कलेस्ट्रॉल के स्तर को भी सुधारता है। साथ ही यह ऐसिड बेसेल मेटाबॉलिक रेट (BMR) को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे ब्लड में रिलीज होने वाले ग्लूकोज का स्तर घट जाता है। ऐसी स्थिति में क्लोरोजेनिक ऐसिड बॉडी फैट को बर्न करने लगता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है। ग्रीन कॉफी मेटाबॉलिजम को सुधारने के अलावा ओवरईटिंग पर भी रोक लगाती है और क्रेविंग्स को कम करती है। इसके अलावा, इसके नियमित सेवन से शरीर में कार्बोहाईड्रेट और फैट्स की खपत कम होती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।