दिल्ली की सड़को पर 69 नयी इलेक्ट्रिक बसें फर्राटा भरने को तैयार, 300 बसें लाने का है प्रस्ताव

दिल्ली में जेबीएम कंपनी और टाटा कंपनी की क्रमशः 43 और 19 ई-बसें पहुंच गई हैं जिनका पंजीकरण का काम चल रहा है। आशा है की जल्द ही इन बसों को आम जनता के लिए सड़कों पर उतार दिया जएगा। आपको बता दें की अभी दिल्ली में केवल दो ई-बसें ही चल रही हैं। जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी इन बसों को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। हालाँकि, इस टेंडर के तहत 300 ई-बसें आनी थी जिसमे अभी इतनी ही आयी है बाकि बसें भी जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। आपकी जानकरी के लिए यह बता दें की कैबिनेट के अनुसार पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इलेक्टि्रक बसें शामिल करने वाला देश का पहला राज्य दिल्ली है। हालाँकि, डीटीसी की ओर से अक्टूबर 2019 में ही पहला टेंडर जारी किया गया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद भी जून 2020 में दूसरे टेंडर को भी प्रतिस्पर्धी दरें न मिलने की वजह से रद्द कर दिया गया। लेकिन, तीसरी बार फिर दिसंबर 2020 में टेंडर जारी किया गया, जिसका परिणाम अभी देखने को मिल रहा है।
आपकी जानकरी के लिए यह बता दें की , 300 इलेक्टि्रक बसों के परिचालन के लिए सबसे कम बोली जेबीएम ने लगायी है जो की 68.58 रुपये प्रति किमी है। जबकि दूसरी नंबर पर कंपनी टाटा मोटर्स है। इसलिए टेंडर की शर्तों के अनुसार जेबीएम को 200, जबकि टाटा को 100 बसों का संचालन करने का काम सौंपा गया है। गौरतलब है की एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर बसें कम से कम 120 किमी की दूरी तय कर सकेंगी और 10 साल तक बसों या बैटरी के रखरखाव के लिए आपरेटर कंपनी ही जिम्मेदार होगी। हालाँकि बसों के संचालन के लिए बिजली की खपत का खर्च डीटीसी की ओर से किया जाएगा। लेकिन चार्जिग इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत, चार्जिग उपकरण और ट्रांसफार्मर की लागत कंपनी को ही वहन करनी होगी।
इन सभी ई-बसों को सुभाष प्लेस डिपो, मायापुरी डिपो, रोहिणी-2 डिपो, राजघाट -2 डिपो और मुंडेला कलां डिपो में पार्क किया जाएगा। गौरतलब है की इन सभी डिपो में चार्जिग सिस्टम भी तैयार कर लिया गया है। हालाँकि, सभी 300 ई-बसें आ जाने के बाद 100 बसें मुंडेला कलां में, राजघाट डिपों में 50, रोहिणी सेक्टर-37 से 150 बसें जोड़ी जाएंगी।