दोस्ती, शादी, बलात्कार और जलाकर मार डालने की कहानी
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आग में बुरी तरह झुलसी लड़की को बचाने की कोशिश में उन्नाव से लखनऊ और फिर दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल तक पहुंचाया गया लेकिन लड़की ने दो दिन के भीतर ही दम तोड़ दिया.
लड़की के घर में पहले से ही मातम पसरा हुआ था, मौत के बाद पूरा गांव ग़मगीन है. दूसरी ओर, गांव में ही रहने वाले अभियुक्तों के परिजन उन्हें निर्दोष बता रहे हैं. गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं.
इस बीच, शुक्रवार को इस मामले में नामज़द सभी पांच अभियुक्तों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पीड़ित लड़की ने इलाज के दौरान उन्नाव में ही मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए थे जिसके आधार पर पुलिस ने महज़ कुछ घंटों के भीतर पांच लोगों को गिरफ़्तार किया था.
पीड़िता के घर का हाल-
उन्नाव शहर से क़रीब 50 किमी दूर बिहार थाने के अंतर्गत आता है हिन्दूपुर गांव. गांव के भीतर प्रवेश करने के बाद कुछ ही दूरी पर पीड़ित लड़की का मिट्टी, फूस और खपरैल का बना हुआ कच्चा घर है.
लड़की के बुज़ुर्ग पिता घर के बाहर चुपचाप खड़े हैं. उन्हें इस बात का बेहद अफ़सोस है कि वो अक़्सर लड़की को स्टेशन तक ख़ुद छोड़ने जाते थे लेकिन गुरुवार को न जाने लड़की अकेले ही क्यों चली गई.
हालांकि घर के भीतर मौजूद लड़की की भाभी बताती हैं कि कोर्ट के काम से या फिर अपने और किन्हीं कामों से वो अक़्सर अकेले या फिर अपने भाई या बहन के साथ बाहर जाया करती थी. पीड़ित लड़की पांच बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी थी.