फिटनेस कोच से जानिए बॉडी और माइंड को फिट रखने के तरीके

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डेयाने फिटनेस एक्‍सपर्ट और हेल्‍थ कोच होने के साथ-साथ लेखक और ब्‍लॉगर भी हैं. कॉन्क्लेव में उन्होंने फिटनेस और लाइफस्टाइल पर खुलकर बात की और अपने विचार रखे.

डेयाने ने अपना शुरुआती सफर साझा करते हुए बताया कि जब वो छोटी थीं तब फोन और सोशल मीडिया आदि कुछ भी नहीं था. तब जिम भी सिर्फ फाइव स्टार होटलों में होते थे.

उस वक्त मैं फिटनेस एक्सपर्ट जेन फॉंडा का 90‍ मिनट चैलेंज लेती थी. 16 साल की उम्र में मैंने जिम ज्वाइन किया. तब उसके लिए काफी पैसा दिया. उस समय मैंने वेट लिफ्टिंग की जब लड़कियां इसे बिल्कुल नहीं करती थीं. मैं जिम में वेट लिफ्टिंग करती थी तो लड़के भी मुझे देखते थे कि मैं इतना वेट कैसे लिफ्ट कर पा रही हूं. उन्होंने बताया कि योग कैसे 25 साल से उनकी जिंदगी का हिस्सा रहा है.

उन्होंने बताया कि 25 साल पहले जब मैं योग करती थी तो लोग कहते थे ये बुजुर्गों की चीज है, तुम क्यों करती हो. मुझे समझ नहीं आता था कि ये लोग ऐसा क्यों सोचते हैं. मैं उस वक्त बहुत ही ज्यादा फिट थी, मैंने उसी दौरान फिटनेस पर लिखना शुरू किया था. फिर जब मेरे बच्चे थोड़ा बड़े हुए तो मैंने सोचा कि अब मैं फिटनेस पर किताब लिखना शुरू करूंगी. फिर मैं आस्ट्रेलिया गई वहां से मैंने लिखना शुरू करने का मन बनाया.

वहां जाकर मैंने पहले इसके बारे में चार महीने तक खूब गहराई से पढ़ा. यहां से मुझे मिस इंडिया प्रतिभागियों की फिटनेस की जिम्मेदारी का ऑफर मिला. मैं 30 दिन के लिए अपनी मदर इन लॉ के साथ बच्चों को छोड़कर वहां गई. मैंने मिस इंडिया को वेट ट्रेनिंग दी. योग और व्यायाम से उनकी बॉडी को बेहतर बनाया. मैं डाइट पर कभी नहीं गई, मैंने योग और वेट लिफ्टिंग से उन्हें फिट कराया.

योग, मेरी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा

वो कहती हैं कि योग मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है जो मुझे भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी फिट रखता है. उन्होंने बताया कि मैं 51 साल की उम्र में भी अपने घर में सबसे ज्यादा फिट हूं. वो हंसते हुए कहती हैं कि मेरे पति मुझसे दो ही साल बड़े हैं लेकिन एक दिन किसी ने पूछा कि आपकी बेटी कैसी है.

किया पुश अप चैलेंज

उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच से पुश अप चैलेंज दिया. यहां मंच पर आए एक व्यक्ति के साथ पुशअप चैलेंज हुआ तो वो 25 पुशअप ही कर पाया. यहां उन्होंने अपनी किताब सर्कल ऑफ लाइफ के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि किताब में मैंने लिखा है कि लोग अपनी थाली में किस तरह से खाने के आदी हैं और कैसे अपने प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ की स्थितियों के हिसाब से अपना खाना तय कर सकते हैं .

मैंने खाने के तमाम फूड फॉर्म लिखे हैं. जैसे अगर आप अपनी पत्नी के साथ अच्छी रिलेशन नहीं है, स्ट्रेस है तो आपको डायट के साथ समझौता नहीं करना. ये किताब ऐसे ही तमाम राज खोलती है. मसलन एक टर्म है रिलेशनशिप डिसऑर्डर, ये इस तरह से समझ सकते हैं कि माना कोई आदमी अकेला रहता है, उसे केयर और प्यार चाहिए. इस चक्कर में घर जाकर वो एक बकेट आइसक्रीम खा लेता है. इसमें खाना ही नहीं स्प्रिचुअली एंगल जैसे होम कुकिंग आदि बहुत मदद करते हैं.

खाने में चाहिए विटामिन एल

डायने कहती हैं कि जब घर में कोई खाना बनाता है तो वो उसमें विटामिन एल यानी विटामिन लव मिलाता है. उन्होंने मीठा कम खाने की सलाह भी दी. कहा इसकी जगह मी‍ठे फल, स्वीट पोटैटो आदि शामिल कर सकते हैं.

व्यायाम जरूरी, जो पसंद आए वो करो

डायने ने कहा कि फिटनेस के लिए जो पसंद आए वो करो, जरूरी नहीं कि सिर्फ जिम में जाओ. आप वाकिंग, डांसिंग, स्वीमिंग किसी भी हॉबी की तरफ जा सकते हैं, लेकिन इसे आदत में शुमार करना होगा. फिटनेस के बारे में वो कहती हैं कि हमें स्ट्रेस के वक्त खाने की आदत से बचना चाहिए. इसके लिए वो कहती हैं कि  आप योगी को देखिए कि वो कितने फिट होते हैं. बच्चे भी खाने के बारे में नहीं सोचते. सोचिए कि हम स्ट्रेस में होते हैं तो फूड के पीछे भागते हैं. हमें अपनी ऐसी ही आदतों में सुधार लाना है.

maalaxmi