रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह, आज संभालेंगे कार्यभार
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय का जिम्मा संभालने से पहले अमित शाह ने नवनियुक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. दोनों नेता शनिवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे. राजनाथ अब नॉर्थ ब्लॉक से हटकर साउथ ब्लॉक में अपने कार्यालय की कमान संभालेंगे. वह निर्मला सीतारमण की जगह लेंगे. रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के अधिकारी राजनाथ के सामने प्रेजेंटेशन देंगे.
कौन हैं अमित शाह?
मुंबई में वर्ष 1964 में एक संपन्न गुजराती परिवार में जन्मे शाह ने 16 वर्ष की उम्र तक गुजरात में अपने पैतृक गांव में पढ़ाई की. उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद, शाह का परिवार अहमदाबाद आ गया, जहां वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य बने. वह 1984-85 में भाजपा में शामिल हुए और उन्हें सबसे पहले अहमदाबाद के नारनपुरा में पोल एजेंट बनाया गया और उसके बाद नारनपुरा वार्ड का सचिव बनाया गया.
भाजपा के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सफलतापूर्वक इन कामों को पूरा करने के बाद उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. उसके बाद वह गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष और सचिव बने. इन भूमिकाओं में शाह ने अपने आधार को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया. वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन और एकता यात्रा के पक्ष में लोगों को सफलतापूर्वक लामबंद किया.
अहमदाबाद में लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के गांधीनगर में चुनावी अभियान का प्रबंधन करने की वजह से उनकी छवि एक चुनाव प्रबंधक के रूप में बनी. वेबसाइट के अनुसार, शाह ने 1990 में गुजरात में पार्टी के प्राथमिक सदस्यों के दस्तावेजीकरण (डोक्यूमेंटिंग) करने का मुश्किल कार्य शुरू और सफलतापूर्वक पूरा किया. इसकी मदद से पार्टी को राज्य में कांग्रेस के विरुद्ध मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभरने में सहायता मिली.
भाजपा सरकार के गिरने के बाद हुए उपचुनाव में, शाह ने अहमदाबाद के सारखेज में विधानसभा चुनाव में 25,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने 1998 में उसी सीट से 1.30 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की. शाह के राजनीतिक करियर की मुख्य उपलब्धि गुजरात के कॉपरेटिव अभियान के बाद कांग्रेस को कमजोर करना था. 1998 में केवल एक कॉपरेटिव बैंक को छोड़कर, सभी कॉपरेटिव संस्थानों पर कांग्रेस का नियंत्रण था.
उनके योगदान और प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, भाजपा ने शाह को 2014 में पार्टी का अध्यक्ष बनाया. इस वर्ष गांधीनगर लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में उन्होंने 5.57 लाख मतों के अंतर से कांग्रेस के प्रतिद्वंदी को हराया.