इम्यूनिटी और पाचन को सुधारने के तरीके

कोई विश्वास करे या न करे लेकिन जीवन की गुणवता और प्रोडक्विटी दोनों कही न कहीं आपके पाचन स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। यदि आपका पाचन सिस्टम सही नहीं है तो आपका जीवन अस्त व्यस्त हो सकता है। इससे जो आपकी फिटनेस गोल है वह भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होगी। इसलिए आज हम इस लेख में पाचन और इम्यूनिटी को सुधारने के तरीकों के बारे में बात करेंगे।
ज्यादा से ज्यादा पानी का कीजिए सेवन

पानी का सेवन करने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। यह आपको हमेशा हाइड्रेट रखने में मदद करता है। वैसे आपको बता दें कि विश्व की 75 फीसदी आबादी डिहाइड्रेशन की समस्या से पीड़ित है। पर्याप्त पानी नहीं पीने से पुरानी कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। मल बाहर निकलने में मुश्किलें पैदा होती है। वहीं यदि आपके सिस्टम में पर्याप्त तरल पदार्थ होता है तो यह आपके आंतों को चिकना और लचीला बनाता है।
पाचन और इम्यूनिटी को सुधारने के लिए डाइट

ट्रांस वसा और प्रोसेस्ड फूड कुछ मामलों में डाजेस्टिव ट्रैक बिगाड़ने का काम करते हैं। इससे आपके आंतों के अस्तर में क्षति हो सकती है। रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड, ट्रांस वसा तथा शराब का सेवन को कम करें। अपने आहार में आप रोज साबूत अनाज, फल और सब्जियों को शामिल करें।
अपने आहार में शामिल करे फाइबर

अपने पाचन को सही करना है तो दिन में जितना फाइबर निर्मित खाना खाया जाए, उतना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। अपनी डाइट में भारी मात्रा में फाइबर लेना मतलब शरीर को पोषक तत्व देना है। यदि आप अपने पाचन में सुधार करना चाहते हैं तो फाइबर वाले खाद्य पदार्थ सबसे अच्छा विकल्प हैं।
यदि आप फाइबर वाले आहार का सेवन नहीं करते हैं तो खाना पचाने में आपको हमेशा दिक्कत होगी। आपको ज्यादातर फाइबर फलों, सब्जियों और साबूत आनाज से मिलेगा। इसलिए इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल कीजिए। फाइबर वाले आहार लेने से न केवल आपके कोलेन को सुरक्षा मिलती है बल्कि पेट के कैंसर सहित आंत्र रोग होने की संभावना भी कम रहती है।
पाचन और इम्यूनिटी को सुधारने के लिए प्रोबायोटिक्स

प्रोबायोटिक्स ‘मैत्रीपूर्ण’ बैक्टीरिया हैं जो आपके शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ देता हैं। आंतों में सूक्ष्मजीवों के स्तर को संतुलित करने का काम प्रोबायोटिक्स करता हैं। इसके कुछ लाभों में हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम आदि को बढ़ावा देना शामिल है। अनुसंधान से पता चलता है कि कुछ प्रोबायोटिक्स इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, कुछ प्रकार के दस्त, कोलाइटिस, मुंहासे और एक्जिमा के उपचार में सहायक हो सकता है।
आपको बता दें कि दही प्रोबायोटिक का एक बहुत अच्छा स्रोत है जिसका उपयोग उपमहाद्वीप में लगभग हर घर में किया जाता है। आप इसे अपने आहार में शामिल करें ताकि आपके पाचन के मदद के लिए आपके सिस्टम को कुछ अच्छे बैक्टीरिया मिल सके।

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