जमीयत के बाद अब पीस पार्टी ऑफ इंडिया भी दाखिल करेगी पुनर्विचार याचिका

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अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में आए फैसले को लेकर पीस पार्टी ऑफ इंडिया भी शीर्ष अदालत में रिव्यू पिटीशन दायर करेगी. इस मामले में पहली याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से दाखिल की जा चुकी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मुकदमा लड़ रहे याचिकाकर्ताओं की अर्जियां आनी शेष हैं. याचिकाएं 9 दिसंबर तक दायर करने की मियाद है. क्योंकि फैसला आने के 30 दिनों के अंदर पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जा सकती हैं.

पीस पार्टी ऑफ इंडिया का तर्क है कि रिपोर्ट ASI की है. इसमें तथ्यों को शामिल नहीं किया गया है. भूमि पर 1949 तक मुस्लिम पक्ष का कब्जा था और इंडियन एविडेंस एक्ट 110 का प्रयोग नहीं किया गया. पीस पार्टी का ये भी कहना है कि वहां 1949 तक मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती थी और 1949 से पहले वहां कोई प्रतिमा मौजूद नहीं थी.

आपको बता दें कि अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में सर्वोच्च न्यायालय में पहली पुनर्विचार याचिका दायर की जा चुकी है. पक्षकार एम सिद्दीकी ने 217 पन्नों की पुनर्विचार याचिका दायर की है. एम सिद्दीकी की ओर से मांग की गई कि संविधान बेंच के आदेश पर रोक लगाई जाए, जिसमें अदालत ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था.

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