सर्दियों में हार्ट प्रॉब्लम और बी.पी. से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

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बढ़ती सर्दी के साथ ही सैक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। इनमें हार्ट पेशैंट के अलावा शुगर और ब्लड प्रैशर के मरीजों की संख्या अधिक है। पिछले 10 दिनों में सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन 80 से 90 मरीज हार्ट से संबंधित बीमारी के आ रहे हैं। रोजाना ओ.पी.डी. में दस नए मरीज पहुंच रहे हैं। इनकी उम्र 50 से 70 साल के बीच है।

सिविल अस्पताल के एम.डी. मैडीसिन अश्विनी भटनागर ने बताया कि सर्दी हृदय रोगियों के लिए खतरनाक मानी जाती है। इस मौसम में कार्डियक अटैक, ब्रेन हैमरेज और लकवा होने का खतरा बढ़ जाता है। शहर के सामान्य नागरिक अस्पताल में हर रोज ठंड से पीड़ित मरीज आ रहे हैं। वहीं आपातकाल विभाग में रोजाना 20 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे ही हालात निजी अस्पतालों के भी हैं।

सामान्य अस्पताल के पी.एम.ओ. डॉ. गोपाल कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि ठंड में ब्लड सर्कुलेट करने वाली नसें सिकुडऩे लगती हैं, इससे हृदय रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। नसों के सिकुडऩे से सीने में दर्द को बढ़ाता है जिसे एंजाइना पेन कहा जाता है। सिविल अस्पताल में रोजाना चार हजार मरीज ओ.पी.डी. और एमरजैंसी में इलाज करवाने आ रहे हैं। ठंड बढऩे के बाद पांच सौ मरीज बढ़ गए हैं। पहले पेशैंट की संख्या 3500 होती थी।

ठंड के मौसम में बरतें यह सावधानी-


जिन मरीजों को पहले से हृदय संबंधी परेशानियां हैं,उन्हें खासतौर से ठंड के मौसम में सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही अपने दिल की देखभाल के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेकर घर के अंदर दिल को सेहतमंद रखने वाली एक्सरसाइज करें। नमक और पानी की मात्रा कम कर दें, क्योंकि पसीने में यह नहीं निकलता है। ब्लड प्रैशर की जांच करवाते रहें, ठंड की परेशानियों जैसे-कफ, कोल्ड, फ्लू आदि से खुद को बचाए रखें और जब आप घर पर हों तो धूप लेकर या फिर गर्म पानी की बोतल से खुद को गर्म रखें।

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