काफी मुश्किलों से भरा रहा अर्चना देवी का क्रिकेटर बनने का सफर… कैंसर से पिता की हुई मौत, मां की जिद ने बनाया क्रिकेटर!!

काफी मुश्किलों से भरा रहा अर्चना देवी का क्रिकेटर बनने का सफर… कैंसर से पिता की हुई मौत, मां की जिद ने बनाया क्रिकेटर!!

आप तो जानते ही होंगे कि 2 दिन पहले भारतीय महिला अंडर-19 विश्वकप खेला गया था। जहां भारत की महिला टीम ने इंग्लैड को हराकर मैच जीत लिया था। ये फाइनल मैच दक्षिण अफ्रिका में हो रहा था। मैच से पहले एक परिवार करीब 8 हजार किलोमीटक दूर उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भी तैयारी कर रहा था।

हम इस आर्टिकल में अर्चना देवी के बारे में बात कर रहे है, जो कि एक गेंदबाज ऑलराउंडर है। जिन्होंने कई प्रतियोगिताओं में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है। कई कठिन जीत के बाद उन्होंने भारत को विश्व चैंपियन बनाने में मदद की। तो आइए उनके संघर्षों के बारे में विस्तार से जानते है।

 

आप को जानकारी के लिए बता दें कि अर्चना की मां के काफी तपस्या करने और समाज की आलोचना का सामना करने के बाद अर्चना देवी एक सफल क्रिकेटर बनी। उनके पति की केंसर से मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे की भी सांप के काटने से मृत्यु हो गई।

इसके बाद सावित्री के सगे-संबंधियों के व्यवहार को लेकर लोग उन्हें डायन कहने लगे। अर्चना के परिवार ने बाद में सावित्री पर अपनी बेटी को गलत रास्ते पर भेजने का आरोप लगाया।

 

सावित्री ने अपनी बेटी अर्चना का दाखिला गंज मुरदाबाद के गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल में कराया। कुछ पडोसियों ने कानाफूसी की कि अर्चना को एक दलाल को बेच दिया गया है। उनकी मां ने बताया कि लोग कहते थे कि मैंने मेरी बेटी को गलत धंधे में बेच दिया गया था।

बता दें कि सावित्री की बेटी अर्चना महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही थी। उसके घर पर इतने लोग खेल देखने आते थे कि सावित्री के पास अपने मेहमानों को देने के लिए कंबल तक नहीं था।

 

जिन पडोसियों को सावित्री के घर का पानी तक पीना अच्छा नहीं लगता था। वहीं लोग मदद के लिए आगे आए। अर्चना के पिता शिवराम की 2008 में केंसर से मृत्यु हो गई थी। उन्होंने सावित्री को कई कर्ज और तीन छोटे बच्चों की देखभाल के लिए छोड दिया था।

सावित्री के छोटे बेटे बुधी सिंह की 2017 में सांप काटने से मौत हो गई थी। बुधी की मौत के बाद पडोसी और रिश्तेदार सावित्री के प्रति जरा भी दयालु नहीं थे। अर्चना के बडे भाई रोहित ने बताया कि गांव वाले उसकी मां को डायन कहते थे।

 

रोहित ने बताया कि मार्च 2022 में पहले लॉकडाउन के दौरान उनकी मां को बच्चों की देखभाल के लिए काफी परेशानी से गुजरना पडा था। उन्हें जीवित रहने के लिए अपनी एक गाय और भैंस के दूध पर निर्भर रहते थे। रोहित मां वास्तव में उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण थी।

navneet