बचपन बीता था झुग्गी-बस्ती में, पिता थे सफाई कर्मचारी, आगे चलकर किया परिवार का नाम रोशन, जानिए मोहम्मद यूसुफ के संघर्ष की कहानी!!

बचपन बीता था झुग्गी-बस्ती में, पिता थे सफाई कर्मचारी, आगे चलकर किया परिवार का नाम रोशन, जानिए मोहम्मद यूसुफ के संघर्ष की कहानी!!

आप को बता दें कि पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज रहे मोहम्मद यूसुफ का जन्म 27 अगस्त 1974 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। ये बल्लेबाज 1998 से साल 2010 तक पाकिस्तानी बल्लेबाजी की रीढ रहे है। ये वनडे औऱ टेस्ट क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के लिए जाने जाते है।

बता दें कि लाहौर की झुग्ग बस्ती में पैदा होने वाले यूसुफ ने साल 2005 में ईसाई धर्म छोडकर इस्लाम धर्म अपना लिया था। उन्हें पहले यूसुफ योहाना नाम से जाना जाता था।

मोहम्मद यूसुफ ने पाकिस्तान के लिए 90 टेस्ट में 52 से ज्यादा की औसत से 7530 रन बनाए है, जिसमें 24 शतक शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने 288 वनडे मैचों में 9720 रन ठोके, जिसमें 15 शतक शामिल थे। वनडे में उनका औसत करीब 42 का है।

 

मोहम्मद यूसुफ ने 2006 में बना दिए 1788 रन

बता दें कि 2006 की साल में मोहम्मद यूसुफ ने खुद को एक महान बल्लेबाज साबित किया। उन्होंने एक कैलेंडर ईयर में खेले 11 टेस्ट मैचों में 9 शतक औऱ 3 अर्धशतक की बदौलत 1788 टेस्ट रन बना डाले, जो अबतक एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

इस दौरान यूसफ का औसत 99 से भी ज्यादा रहा। साथ ही उन्होंने लगातार 6 शतक बनाकर महान बल्लेबाज डोनाल्ड ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की भी बराबरी की।

 

सईद अनवर को देख अपनाया इस्लाम धर्म

मोहम्मद यूसुफ ने दिए इंटरव्यू में बताया कि, ‘मुझे इस्लाम अपनाने के लिए किसी ने मजबूर नहीं किया। असल में मैं सईद अनवर के काफी करीब था। हम अच्छे दोस्त थे। मैं सईद के घर रहता था, तब मैंने देखा कि उनका परिवार काफी अनुसान से रहता है। अनवर भी अपनी बेटी के इंतेकाल के बाद धार्मिक हो गए और उन्हें देख मुझे भी इस्लाम कबूल करने की प्रेरणा मिली।’

 

एक समय पिता थे सफाई कर्मचारी

बता दें कि मोहम्मद यूसुफ का शुरुआती दौर काफी संघर्षभरा रहा है। कैथलिक ईसाई परिवार में पैदा हुए यूसुफ के पिता रेलवे स्टेशन पर कर्मचारी की नौकरी करते थे। यूसुफ भी खुद दर्जी का काम सीख रहे थे।

लेकिन अचानक से उनकी किस्मत खुली, और एक क्रिकेट टीम में खिलाडी कम होने की वजह से उन्हें खेलने का मौका मिला। यूसुफ ने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। जिसके बाद वो धीरे-धीरे क्लब से होते हुए राष्ट्रीय टीम में पहुंच गए।

navneet