पिता करत थे मजदूरी, मां चिकन बेचकर चलाती थी घर, बेटे ने बदल दिया परिवार और गांव का नक्शा, जानिए टी नटराजन की कहानी..!!

पिता करत थे मजदूरी, मां चिकन बेचकर चलाती थी घर, बेटे ने बदल दिया परिवार और गांव का नक्शा, जानिए टी नटराजन की कहानी..!!

आप को बता दें कि आईपीएल 2020 के दौरान कई सारे युवा खिलाडी को पहचान मिली। इनमें से कई सारे क्रिकेटर्स को भारतीय टीम में जगह मिली है। एक ऐसे ही आईपीएल के उभरते सितारे और अपने खूबसुरत यॉर्कक की वजह से क्रिकेट में अपनी खास पहचान बनाने वाले टी नटराजन फिलहाल खूब चर्चा में है।

आज नटराजन मैदान में अपना जलवा बिखेर रहे है, लेकिन इस सब के पीछे उनका और उनके परिवार का कडा संघर्ष रहा है। एक पिछडे से गांव से आने वाले नटराजन की मां सडक किनारे मुर्गियां बेच-बेचकर यहां तक पहुंचाया है। उनके पिता भी मजदूर है। बदले में नटराजन ने भी अपने परिवार का कर्ज चूकाया है।

 

आप को बता दें कि नटराजन ने एक डेथ ऑवर्स एक्सपर्ट गेंदबाज के रुप में अपनी पहचान बनाई थी। ब्रैट ली, सहवाग सहित कई सारे दिग्गज खिलाडीयों ने उनकी तारीफ की थी।

नटराजन के पिता दिहाडी मजदूर के तौर पर काम करते थे। उनकी मां गांव में घर चलाते हुए चिकन बेचती थी। बेटे को खिलाडी बनाने के लिए परिवार ने दोगुना संघर्ष किया है। जब बेटा कमाकर नहीं दे सकता था, तब मां ने चिकन बेचकर उसे पैसों की मदद की थी।

 

नटराजन के मेंटॉर जयप्रकाश बताते हैं कि, इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थ। तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी। पर अब स्तिथि बदल गईं हैं और आज नटराजन ने अपना परिवार, गांव का नक्शा बदल दिया है।

 

उन्होंने सबसे पहले माता-पिता के लिए बढ़िया सा घर बनाया। बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की। उन्होंने बहनों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले उनके सही कॉलेज-स्कूल में एडमिशन करवाए। उनकी शिक्षा के के काम को पूरी जिम्मेदारी से निभाया।

 

इतना ही नहीं नटराजन ने गांव में खेलने वाले क्रिकेटर्स के लिए एकेडमी भी खोल दी। उन्होंने तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।

नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था। लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाये थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में जाकर अपना पहला मैच खेलने का मिला था।

navneet