गरीबी से करना पडा दिक्कतों का सामना, कोच ने किया समाधान, कुछ इस तरह की दिलचस्प कहानी है मुंबई इंडियस के तिलक वर्मा की…

आप को बता दें कि मुबंई इंडियंस के तिलक वर्मा ने यहां तक पहुंचने के लिए कई दिक्कतों का सामना किया है। इस दौरान उनके कोच सलाम बयाश ने उनका पूरा साथ दिया।
मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने वाले तिलक वर्मा IPL 2023 में शानदार फॉर्म में दिख रहे हैं। तिलक वर्मा को देख उन्हें टीम इंडिया का फ्यूचर बताया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक वर्मा को यहां तक पहुंचने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। तो आइए जानते हैं कैसी है तिलक वर्मा की कहानी।
तिलक वर्मा एक बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं। तिलक के पिता का नाम नांबूरी नागाराजू है, जो पेशे से एक इलेक्टिशियन हैं। पिता ने बताया कि कोच सलाम बयाश के बिना तिलक यहां तक नहीं पहुंच सकते थे।
तिलक वर्मा के कोच सलाम बयाश ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने तिलक को टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते देखा था। कोच ने बताया कि तिलक को टेनिस बॉल से खेलता देखने के बाद ही उन्होंने फैसला कर लिया था कि वो एक शानदार बल्लेबाज़ बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
लेकिन इन सबके लिए कोच सलाम बयाश को सबसे पहले तिलक के पिता को मनाना था, जो एक आसाना काम नहीं था। पहले तो तिलक के पिता ने क्रिकेट के लिए मना कर दिया था।
इसके बाद कोच ने तिलक की पूरी ज़िम्मेदारी लेने की बात कही और उन्होंने यहां तक तिलक फीस भी माफ कर दी। इसके बाद तिलक के पिता के पास ना मानने का कोई विकल्प नहीं था और अंत में उनके पिता मान गए। यहां तक कोच ने तिलक ले जाने और छोड़ने तक की ज़िम्मेदारी ली थी।
तिलक के घर से अकेडमी करीब 40 किलोमीटर दूर थी। उनके कोच तिलक को सुबह 5 बजे उठाते थे और फिर दोनों बाइक पर हैदराबाद के लिंगामपाली में मौजूद क्रिकेट एकेडमी जाया करते थे। एक साल तक ऐसा ही चलता रहा और कोच ने तिलक के पिता से आग्रह किया कि तिलक को अकेडमी के पास ही रहना चाहिए।
हालांकि इन मुश्किल हालातों के बाद भी तिलक लगे रहे और उनके कोच ने भी साथ नहीं छोड़ा। कहा तो ये भी जाता है कि कोच सलाम बयाश ने तिलक के बैट से लेकर बाकी क्रिकेटिंग गियर तक की ज़िम्मेदारी ली थी। ऐसे धीर-धीरे तिलक लगे रहे और उन्हें कामयाबी मिलती गई। अब तिलक को पूरा भारत जानता है।