जानिए क्यों एमएस धोनी को करनी पड़ी थी रेलवे में नौकरी

टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी हैं। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम तीन बार चैंपियन रही थी। सभी क्रिकेट प्रशंसक और खिलाड़ी धोनी को कूल माही कहकर बुलाते हैं। एमएस धोनी को कुछ खिलाड़ी अपना आदर्श मानते हैं।
रांची, बिहार में, महेंद्र सिंह धोनी का जन्म एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। लवली, धोनी के गांव का नाम है। अपने काम के चलते धोनी के पिता उनके जन्म के कुछ समय बाद ही रांची आ गए।
धोनी के पिता क्या काम करते है?
एमएस धोनी के पिता के काम पर अक्सर उनके प्रशंसक सवाल उठाते हैं। जानकारी के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी के पिता मैकॉन लिमिटेड कंपनी में जूनियर मैनेजमेंट के पद पर पंप ऑपरेटर के तौर पर काम करते थे।
क्यों करनी पड़ी रेलवे में नौकरी
माही सत्यप्रकाश को बड़ा भाई मानते हैं और उसी तरह सम्मान भी करते हैं। प्यार से सत्तू दा कहकर बुलाते थे। सत्य प्रकाश उर्फ सत्तू दा इस समय भूली में रह रहे हैं। बात उस समय की है जब माही बुरे दौर से गुजर रहे थे। पिता पान सिंह तोमर 2000 में रिटायर हो चुके थे। लाख कोशिशों के बावजूद धौनी का चयन नहीं हो पा रहा था। दिलीप ट्राफी खेलने का मौका मिला, लेकिन समय पर जानकारी न मिलने के कारण वो भी हाथ से चला गया। थक हारकर खड़गपुर में स्पोर्ट्स कोटे पर बतौर टिकट कलेक्टर की नौकरी ज्वाइन कर ली। इस नौकरी के लिए सत्यप्रकाश ने डीआरएम के समक्ष माही का नाम सुझाया था। यह बात 2001 से 2004 की है। सत्यप्रकाश भी रेलवे में नौकरी करते थे और माही भी उनके ही कमरे में साथ रहते थे। दोनों ही रेलवे स्टेडियम में प्रैक्टिस भी करते थे।