पाकिस्तान में जन्मे उस्मान ख्वाजा खेलते हैं ऑस्ट्रेलिया के लिए, देखिए परिवार के साथ कुछ खूबसूरत तस्वीरें!!

आप को जानकारी के लिए बता दें कि सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने भारत के खिलाफ और भारतीय सरजमीं पर अपना पहला शतक जड़ दिया है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के पहले दिन वह 104 रन बनाकर नाबाद लौटे। 251 गेंदों की इस पारी में 15 चौके भी मारे। एक छोर से विकेट गिरते रहा, लेकिन ख्वाजा डटे रहे।
उन्होंने पेसर्स और स्पिनर्स दोनों के खिलाफ बढ़िया खेल दिखाया। यही वजह रही कि स्टंप्स तक ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट के नुकसान पर 255 रन बना लिए हैं। ख्वाजा की इस शानदार पारी में उनका ‘छह इंच प्लान’ भी देखने को मिला, जो उन्होंने इंडियन पेसर्स के खिलाफ आजमाया।
क्रीज से आधा फीट बाहर
दरअसल, ख्वाजा की ये पारी कुछ खास थी। पहले ओवर से 90वें ओवर तक यानी पूरे दिन क्रीज पर टिके रहने के लिए क्रीज का ही इस्तेमाल किया। वह क्रीज से कम से कम 6 इंच या यानी आधे फीट के आसपास बाहर निकलकर खेल रहे थे। अमूमन बल्लेबाज गेंद की मूवमेंट से बचने के लिए यह तरीका अपनाते हैं। साथ ही साथ उनका मकसद बोलर की लैंथ भी खराब करना होता है।
वाटर बॉय से बने शतकवीर
उस्मान ख्वाजा ने लेग साइड से बाहर की गेंदों को विशेष रूप से निशाना बनाया। उन्होंने शमी पर चौके के साथ 146 गेंद में श्रृंखला का अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। वह श्रृंखला में 50 रन से अधिक की तीन पारियां खेलने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं।
ख्वाजा ने दिन के अंतिम ओवर में शमी पर चौके के साथ 246 गेंद में शतक पूरा किया। वह मौजूदा श्रृंखला में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बाद शतक जड़ने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज बने।
उस्मान ख्वाजा 2013 भारत दौरे पर सिर्फ ड्रिंक बॉय बनकर रह गए।। 2017 भारत दौरे पर भी उन्हें नहीं खिलाया गया। तब से उन्होंने एशिया में 74.60 की औसत से 19 मैच में चार शतक और छह अर्धशतक के साथ कुल 1119 रन बना लिए।
तोड़े कई रिकॉर्ड, रचा इतिहास
उस्मान ख्वाजा इस सदी में भारत के खिलाफ भारत में टेस्ट शतक बनाने वाले पाकिस्तान में जन्में पहले बल्लेबाज हैं। 1999 में भारत में शतक बनाने वाले आखिरी दो पाकिस्तान में जन्में प्लेयर सईद अनवर और शाहिद अफरीदी थे।
जिन्होंने क्रमशः कोलकाता और चेन्नई में सैकड़ा जड़ा था। इसी के साथ 36 वर्षीय उस्मान बीते 12 टेस्ट और 13 साल में भारत में टेस्ट शतक बनाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। आखिरी बार 2010/11 में बेंगलुरु में मार्कस नॉर्थ ने यह कमाल किया था।