अपने कप्तान की नहीं मानी सलाह, इस गलती की वजह से चली गई इस मशहूर भारतीय क्रिकेटर की जान, जानिए पूरा किस्सा!!

आप को बता दें कि भारतीय क्रिकेटर रमन लांबा का क्रिकेट करियर का आगाज दमदार रहा, लेकिन अंत बेहद दुखभरा रहा। क्रिकेट के मैदान कदम रखने के बाद रमन लांबा ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धज्जियां उखेड दी।
लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ मैच में खिलाडीयों की हेलमेट पहनने की सलाह को अनदेखा करना, उनकी मौत की सबसे बडी वजह बन गया। आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते है।
सिर में गेंद लगने की वजह से हुई थी रमन लांबा की मौत
आप को बता दें कि भारतीय क्रिकेटर रमन लांबा का निधन 23 फरवरी 1998 में क्लब मैच के दौरान ढाका में फील्डिंग करते हुए हुई थी। अबाहानी के कप्तान खालिद मसूद ने लाबां को शॉर्ट लेग पर लगाया था। ओवर की महज तीन ही गेंद बची थी।
तब कप्तान ने लांबा से हेलमेट पहनने के लिए कहा, लेकिन लांबा ने ये कहते हुए हेलमेट पहनने से मना कर दिया कि ओवर की तीन ही गेंद तो बची है। जिसके बाद बल्लेबाज मेहराब हुसैन ने तगडा शॉट लगाया और गेंद पास खडे लांबा के सिर पर लगी और विकेटकीपर मसूद के पास चली गई।
सिर पर गेंद लगने से लांबा को ड्रेसिंग रुम में ले जाया गया। लांबा की हालत और ज्यादा खराब होने लगी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां लांबा तीन दिन बेहोश रहे औऱ 23 फरवरी को पोस्ट ग्रेजुएट अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
रमन लांबा ने भले ही देश के लिए क्रिकेट काफी कम खेली हो, लेकिन वे अपने छोटे से करियर में ख्याति जरुर पा गए। लाबां को आक्रमक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता था।
ये है रमन लांबा का क्रिकेट करियर
भारत के लिए रमन लांबा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला वनडे मैच 7 सितंबर 1986 को खेला। इस मैच में लांबा ने 53 गेंदो में 64 रन बनाए थे। जिसमेंम 8 चौके औऱ 1 छक्का भी शामिल है। इस मैच में भारत ने जीत हासिल की।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी सीरीज एक बार फिर उन्होंने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए 68 गेंदो पर 74 रन बनाए। इस मुकाबले में लांबा ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला शतक जडते हुए मैन ऑफ द सीरीज पर अपना कब्जा जमाया।
रमन लांबा ने भारत के लिए कुल 32 वनडे मैच खेले और 27 की औसत से 783 रन बनाए, जिसमें एक शतक औऱ 6 अर्धशतक शामिल है।
लांबा ने 4 अंतराराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेले है, जिसमें 102 रन बनाए है। इस दौरान उन्होंने 1 अर्धशतक भी लगाया है।
घरेलू क्रिकेट में रमन लांबा ने 121 फर्स्ट क्लास मैचों में कुलस 8776 रन बनाए है। इसमें उनका तिहरा शतक भी दर्ज है।
लांबा के नाम दलीप ट्रॉफी में सर्चोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्होंने 21 अक्टूबर को पश्चिम क्षेत्र के खिलाफ उत्तरी क्षेत्र की और से 320 रनों की पारी खेली थी। आज 29 सालों बाद भी कोई इस रिकॉर्ड को नहीं तोड पाया है।