ऋषभ पंत को जलती कार से बाहर निकालने वाले ड्राइवर और कंडक्टर का हुआ सम्मान, हरियाणा रोडवेज ने दिया पुरस्कार, अब उत्तराखंड सरकार करेगी सम्मान।

ऋषभ पंत को जलती कार से बाहर निकालने वाले ड्राइवर और कंडक्टर का हुआ सम्मान, हरियाणा रोडवेज ने दिया पुरस्कार, अब उत्तराखंड सरकार करेगी सम्मान।

आप को बता दें कि भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत शुक्रवार को सडक दुर्घटना में बाल-बाल बचे। पंत को शरीर के कई हिस्सों में चोटें आई हैं और अभी ये कहना मुश्किल है कि उनकी मैदान में वापसी कब होगी। पंत खुद ही अपनी मर्सिडीज जीएलई ड्राइव कर रहे थे।

पुलिस के अनुसार कार चलाते वक्त झपकी लगने से ये दुर्घटना घटी। जब पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई तो सबसे पहले मौके पर हरियाणा रोडवेज़ के ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत पहुंच। दोनों ने पंत को बचाया और तुरंत अस्पताल ले गए।

बस ड्राइवर कंडक्टर को किया गया सम्मानित

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरिणाया रोडवेज़ के बस ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत को पानीपत डिपो ने सम्मानित किया है। उत्तराखंड सरकार ने भी दोनों को इनाम देने की घोषणा की है। पानीपत बस डिपो के जनरल मैनेजर के जांगड़ा ने दोनों को इनाम दिया।

 

ऐसे में के जांगड़ा ने कहा, ‘बस ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत ने एक अनियंत्रित कार को गुरुकल नारसन डिवाइडर के पास डिवाइडर से टकराते देखा। वो दौड़कर गए और पैसेंजर की मदद की। हमने उन्हें सम्मानित किया है। राज्य सरकार भी उन्हें इंसानियत दिखाने के लिए इनाम देगी।’

ड्राइवर ने ऋषभ पंत को नहीं पहचाना फिर भी की मदद

बता दें कि बस ड्राइवर सुशील ने बताया कि दूसरी तरफ़ से तेज़ रफ़्तार से एक SUV आ रही थी। सुशील ने बताया, ‘मैंने बस साइड में लगाई और डिवाइडर की तरफ़ भागा। मुझे लगा कार बस के नीचे आ जाएगी क्योंकि वो रुकने से पहले बार-बार पल्टी खा रही थी। ड्राइवर आधा खिड़की से बाहर था। उसने मुझे बताया कि वो क्रिकेटर है।’

 

बात-चीत के दौरान सुशील ने बताया कि वो क्रिकेट नहीं देखते और उन्हें नहीं पता था कि ऋषभ पंत कौन है। पंत ने ड्राइवर से उनकी मां को फ़ोन करने को कहा लेकिन उनका फ़ोन बंद था।

ऋषभ अपनी मां को सरप्राइज देने जा रहे थे घर

खबरों के अनुसार ऋषभ पंत की कार में 3-4 लाख रुपए थे। जो हादसे के बाद सड़क पर बिखरे हुए थे। ऋषभ सड़क पर पड़े हुए थे। लेकिन, उस दौरान कुछ लोग उनकी मदद करने के बजाए अपनी जेब नोटों से भरने में लगे हुए थे। वहीं कुछ वीडियो बनाने में लगे थे। बाद में कुछ लोगों ने उनकी मदद की।

navneet