नज़र आने लगा है राम मंदिर का दिव्य स्वरूप, महासचिव चंपत राय ने सांझा की ताज़ा तस्वीरें, यहां पहुंचा निर्माण कार्य

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का दिव्य स्वरूप अब दिखाए पड़ने लगा है. मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है. इन स्तम्भों को आपस में जोड़ने का काम किया जा रहा है. स्तम्भ लगने के पश्चात मंदिर का आकार साफ दिखाई देने लगेगा. मंदिर निर्माण के साथ परोकोटे का भी निर्माण शुरू हो गया है.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को मंदिर निर्माण की ताज़ा तस्वीरें सांझा की है. चंपत राय के अनुसार, मंदिर का अब दिव्य स्वरूप नज़र आने लगा है.
चम्पत राय ने कहा कि इन स्तम्भों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. स्तम्भ लगने के बाद मंदिर का आकार स्पष्ट दिखाई दे रहा है. एक-एक पत्थरों को जोड़कर हाथ बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी.
खबरों के अनुसार दिसंबर 2023 तक भगवान राम का गर्भ गृह बन कर तैयार होगा और जनवरी 2024 यानी मकर संक्रांति के बाद गर्भग्रह को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. इस दौरान मंदिर के दूसरे तल पर निर्माण काम जारी रहेगा. यहां राम दरबार के अलावा माता अन्नपूर्णा, भगवान शंकर, बजरंगबली समेत कई मंदिर बनाए जाएँगे.
नेपाल से लाई गयी शालिग्राम शिलाओं को लेकर असमंजस की स्थिति है. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट इन शिलाओं का परीक्षण करा रहा है कि इनसे मूर्ति का निर्माण किया जा सकता है या नहीं. जिस तरह नेपाल से बिहार होते हुए ये शिलाएँ अयोध्या पहुंची है और रास्ते भर जिस तरह लोगों ने इनका पूजन अर्चन की है, उससे राम मंदिर ट्रस्ट पर बड़ा दबाव भी है.