प्रधानाचार्य ने बदल कर रख दिया सरकारी स्कूल का ढांचा, प्राइवेट स्कूल भी भर रहे हैं इसके आगे पानी, सलाम है ऐसे प्रधानाचार्य और उसके स्टाप को

प्रधानाचार्य ने बदल कर रख दिया सरकारी स्कूल का ढांचा, प्राइवेट स्कूल भी भर रहे हैं इसके आगे पानी, सलाम है ऐसे प्रधानाचार्य और उसके स्टाप को

हमारे देश में सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके इसके लिए सरकार ने देश के हर राज्य में अनेकों स्कूलों की स्थापना की है। लेकिन अधिकांश सरकारी स्कूलों की काफी दयनीय स्थिति देखने को मिलती है। अधिकांश सरकारी स्कूलों की न तो बिल्डिंग्स अच्छी होती है और न उसमें काबिल शिक्षक होते हैं। हालांकि, सभी स्कूलों की स्थिति ऐसी नहीं है। कुछ सरकारी स्कूल के शिक्षक ऐसे होते है जो अपने कर्तव्य का निर्वहन बहुत ही निष्ठापूर्वक करते हैं और स्कूल की तकदीर बदल देते हैं।

कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है पंजाब (Punjab) के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने, जिसने खंडहर और बदहाल पड़े स्कूल की ऐसी कायापलट की है, जिसके सामने वहां के प्राइवेट स्कूल भी नहीं टिक रहें हैं।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं पंजाब (Punjab) के पठानकोट (Pathankot) जिले के बधानी (Badhani) में स्थित सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य रघुवीर कौर (Raghuveer Kaur) की। साढ़े 3 वर्ष के मेहनत से रघुवीर कौर ने खंडहर पड़े बधानी स्कूल को स्मार्ट स्कूल में परिवर्तित कर दिया है। एक समय इस स्कूल की टूटी-फूटी इमारतें थी लेकिन आज इस स्कूल में छात्रों के लिए सभी सुख-सुविधाएँ मौजूद हैं।

स्टाफ और समाजसेवियों की तरफ से मिला स्कूल को नया जीवनदान

बधानी स्कूल पहले खंडहर था लेकिन जब 2015 में रघुवीर कौर प्रधानचार्य बनकर आईं तब से इस विद्यालय की कायापलट होनी शुरु हो गई। उन्होंने स्कूल की मरम्मत आदि के लिए सरकार से फंड की गुहार लगाई लेकिन दो सालों से सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली। उस दौरान स्कूल के स्टाफ और समाजसेवियों की तरफ से बधानी विद्यालय से नया जीवन दिया गया।

स्टाफ ने मिलकर बदली स्कूल की सूरत

प्रधानाचार्य रघुवीर कौर ने बताया कि, स्कूल की खस्ता हालत में सुधार लाने के लिए स्कूल का पूरा स्टाफ दो साल तक गर्मियों के छुट्टियों में भी आकर काम करते थे। उस दौरान वे अपने परिवार से अधिक मह्त्व विद्यालय को दे रहे थे। स्कूल की स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने वहां के स्थानिय लोगों और SMC से मिलकर फंड इकट्ठा किया जिससे इमारत की मरम्मत की गई।

वह आगे बताती हैं कि, स्कूल ज्वाइन करने के बाद बारिश के मौसम में कई कमरों की छत से पानी टपकता था, जिस वजह से सभी विद्यार्थीयों को एक ही कमरें में बैठाना पड़ता था। लेकिन अब ऐसी समस्याएं नहीं आती हैं। यहां तक कि आप छत पर एक सीलन भी नहीं। अब स्कूल में बेहतर इमारत, खेल का मैदान आदि बन चुका है। बधानी स्कूल अब पूरे जिले के प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है।

पांच कमरें की ग्रांट में बनवाया सात कमरे

प्रधानाचार्य रघुवीर कौर (Principal Raghuveer Kaur) बताती है कि, विभाग की तरफ से उन्हें पांच कमरों के लिए की ग्रांट दी थी और हर कमरे के लिए 7 लाख 51 हजार रुपये की राशि मुहैया कराई गई। लेकिन रघुवीर ने स्टाफ के साथ मिलकर सूझबूझ से एक योजना तैयार किया जिसके तहत 5 नहीं बल्कि 7 कमरों का निर्माण किया गया। निर्माण कार्य के दौरान सभी सरकारी मापदंडो का पालन करते हुए उन्होंने हर दो कमरें बनाने में होनेवाले खर्च को बचाकर एक नया कमरा बनवाया।

स्कूल बन गया नम्बर-1

साल 2015 के बाद से अब बधानी स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। इस स्कूल के छात्र अब देश भर में अपना परचम लहरा रहे हैं जैसे एक छात्र ने विज्ञान विषय से पूरे जिले में प्रथम स्थान पर आया है। वहीं NCC के एक कैंडिडेट द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर देश के माननीय प्रधानमंतत्री नरेंद्र मोदी को भी पायलट किया जा चुका है। इसके अलावा खेल के क्षेत्र में बधानी स्कूल की एक छात्रा मे पूरे देश में दूसरा नम्बर पर अपनी जगह बनाई है।

मिल चुका है बेस्ट स्कूल का अवार्ड

बधानी स्कूल को “मेरा पिंड मेरी शान” योजना के तहत बेस्ट स्कूल के अवार्ड के साथ-साथ एक लाख रुपये की ग्रांट राशि भी दी गई है। बधानी स्कूल की बदली सूरत को देखने के लिए शिक्षा सचिव रह चुके कृष्ण कुमार भी 3 बार स्कूल का मुआयना कर चुके हैं। हर सुख-सुविधा और शिक्षा में यह स्कूल जिले भर के स्कूलों का पीछे छोड़ दिया है।

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