ये है 5 भारतीय क्रिकेटर, जो बचपन में झेल चूके है गरीबी की मार, लेकिन आज है करोडों के मालिक!!

आप तो जानते ही होंगे कि मेहनत के दम पर हर चीज हासिक की जा सकती है। कुछ भारतीय खिलाडीयों ने अपनी मेहनत और जुनून के दम पर क्रिकेट जगत में न केवल अपनी अलग जगह बनाए है।
बल्कि और युवा खिलाडीयों के सामने एक उदाहरण भी रखा है। तो आइए इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही खिलाडीयों के बारे में जानते है कि, जिनकी आर्थिक स्थिति बचपन में ठीक नहीं थी।
1. मुनाफ पटेल
आप को बता दें कि मुनाफ पटेल बेहद गरीब परिवार से आती है। मुनाफ पटेल पैसे के लिए मजदूरी भी की है। कई बार मुनाफ पटेल ने क्रिकेट छोडकर परिवार का हाथ भी बटाया है।
लेकिन अपने जुनून की वजह से मुनाफ पटेल 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार फेंकने के बाद चर्चा में आए औऱ भारत की टीम में जगह बनाई। मुनाफ पटेल ने 2011 के विश्वकप में भारत को चैंपियन बनाने में मदद की थी।
2. उमेश यादव
जानकारी के लिए बता दें कि उमेश यादव के पिता एक कोयले की खान में काम करते थे। वे बडी मुश्किल से अपने परिवार को दो वक्त की रोटी खिला पाते थे। लेकिन कहा जाता है ना कि प्रतिभा कभी नहीं छिपती।
इसी तरह उमेश कुमार ने अपनी मेहनत के बल पर ये साबित करके दिखाया। आज उमेश यादव भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक है और उमेश यादव ने ऑस्ट्रेलिया को मात देने में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
3. इऱफान पठान और युसुफ पठान
महज 19 साल की उम्र में भारतीय़ टीम में जगह बनाने वाले इरफान पठान और उनके बडे भाई युसुफ पठान क्रिकेट में आने से पहले गरीबी की मार झेल चूके है।
इरफान पठान ने अपनी स्विंग से नाम कमाया तो वहीं युसुफ पठानने अपनी पावर हिटिंग के लिए जाने जाते है। इरफान ने 2007 के टी20 विश्वकप में भारत को जितवाने में काफी मदद की थी।
4. भुवनेश्वर कुमार
इस समय में भारत के सबसे बेहतरीन स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार मैरठ के एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है। भुवनेश्वर के मुश्किल समय में उनके पिता और बहन ने बहुत साथ दिया था।
उनके परिवार वालों ने उनको हमेंशा क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह भुवनेश्वर की मेहनत रंग लाई और आज वे भारतीय टीम का हिस्सा है। भुवी अपने करियर की पहली गेंद पर विकेट लेने वाले गेंदबाजों के क्लब में शामिल है।
5. रवीन्द्र जडेजा
भारत क्रिकेट टीम में सर जडेजा के नाम से फेमस रविन्द्र जडेजा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने से पहले गरीबी की मार झेल चूके है। जडेजा के पिता एक प्राइवेट कंपनी में वॉचमैन का काम करते थे।
जडेजा के परिवार पिता परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्ति थे। जिसकी वजह उनके परिवार को और उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पडा था।