कभी दो वक़्त की रोटी के लिए तरसता था ये परिवार, बेटी ने आज पुलिस अधिकारी बनकर पिता का रोशन किया

कभी दो वक़्त की रोटी के लिए तरसता था ये परिवार, बेटी ने आज पुलिस अधिकारी बनकर पिता का रोशन किया

इंसान आगर हार न मान कर कुछ बात ठान ले तो वो हासिल करके ही रेहेता है, पढ़ाई हमारे जिंदगी में बोहोत जरूरी है और पढाई है तो सब है,”Education is the third eye of human being”गरीबी ओर टाइम ना होने वाली दूध वाली की बेटी तेजल ने ये साबित करदिया की आप चाहो तो कुछ भी हासिल कर सकते हो..।

कुछ बच्चे इंजीनियर बनना चाहते हैं, कुछ डॉक्टर बनना चाहते हैं, कुछ वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन तेजल पुलिस अफसर बनना चाहती थी क्यू की वो उसका सपना था, बदमाश और चोर,मुजरिम को सजा देना और देश का भला करना चाहती थी।

शिक्षा है ,सिर्फ एक नोटबुक-पेन नहीं सत्य के लिए इतना ज्ञान, इंसानियत से जज्बात, शिक्षा शरीर को श्रम की ओर ले जाने का माध्यम है…दुनिया में अलग-अलग शिक्षा पद्धतियां लागू की जाती हैं, शिक्षा में नए-नए प्रयोग किए जाते हैं। एक सौ एक ऐसी शिक्षा प्रणाली पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीकों से लागू की जाती है, दुनिया में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने वाली विभिन्न संस्थाएं हैं।

अपनी मेहनत से बनी परिवार की पहली पुलिस अफसर’

परिवार वाले का कहना है की रात भर लड़की शरीफ पढ़ाई करती थी मोबाइल पे शरीफ पढ़ाई के बरमे देखेता था और आपने मां पापा को भी नई नई चीज सिकाती थी , बाप का कहना है की सोनल बचपन से ही होसियार थी और अब सब तारीफ के पूल बान रहे है” बाप ने अपनी खुशी का बयान किया और आखों से खुशी के आशु आगया ।

तेजल का घर किसानी से चलता था 

किसानी से तेजल का घर चलता था और तेजल ने अपने मां बाप के लिए कुछ करने का सोचा और बोहोत पढ़ाई की ता की वो एक दिन बोहोत बड़ी जज बन सके और गाउं के लोगो का भला कर सके,सोनल की मां खेतो में काम करती थी, तेजल का कहना है की वो पड़ लिख बोहोत बड़ा पुलिस अफसर बन समाज में अपना पहिचन बनाएगा और सब को दिखाएगा लड़की भी कुछ कर सकते है ओर उसने वो कर दिखाया,और मां बाप का नाम रोशन कर दिया,

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