ये है पांडवो द्रारा बनाया गया भारत का अनोखा मंदिर, जो पूरे साल के 8 महीने लेता है जलसमाधि।

ये है पांडवो द्रारा बनाया गया भारत का अनोखा मंदिर, जो पूरे साल के 8 महीने लेता है जलसमाधि।

आप तो जानते ही होंगे कि भारत देश प्राचीन काल से ही अपने रहस्यमय मंदिरो और स्थानों के लिए जाना जाता है। भारत के सभी मंदिर और विशेष स्थानों का अपना -अपना अलग महत्व रहा है।

अगर हम प्राचीन मंदिरों की बात करें तो इससे जुडी प्राचीन कहानियां औऱ इसकी बनावट सभी को आज प्रभावित करती है। वहीं कुछ ऐसी रहस्यमयी जानकारियां मिलती है, जिसे जानकर लोग हैरान रह जाते है।

आज हम आप को इस आर्टिकल में भारत के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहे है, जो पूरे साल के आठ महीने पानी के नीचे रहता है। तो आइए इस के बारे में विस्तार से जानते है।

 

पूरे साल भर में महज 4 महीने जा सकते है आप इस मंदिर

आप को बता दें कि इस मंदिर का नाम बथु की लाडी मंदिर है। यह पंजाब में जालंधर से 150 किमी दूर ब्यास नदी पर महाराणा प्रताप सागर झील में पोंग बांध से 15 किमी दूर एक द्धीप पर बना है।

यहां 8 मंदिरो की श्रृंखला है। बथु की लाडी मंदिर साल के 8 महीने महाराणा प्रताप सागर झील में डूबा रहता है। इसलिए यहां सिर्फ 4 महीने ही जाया जा सकता है।

कहा जाता है कि इसे पांडवों ने बनवाया था। भगवान गणेश और मां काली की मूर्तियां बथु की लाडी मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थापित हैं, जबकि शिवलिंग मुख्य मंदिर के गर्भगृह में स्थित है। इस मंदिर की आश्चर्यजनक बात यह है कि प्राचीन होने के बावजूद यहां मौजूद मंदिरों के मूल ढांचे में ज्यादा बदलाव नहीं आया है।

 

ये है बथु की लाडी मंदिर की खास विशेषता

बता दें कि रहस्यमय बथु की लाडी मंदिर पत्थरों से बना है, जो इसे मजबूत बनाता है और पानी से भी प्रभावित नहीं होता है। लेकिन पानी और मौसम का असर मंदिर के बाकी हिस्सों पर दिखाई दे रहा है।

जानकारी के मुताबिक बथु की लाडी मंदिर पोंग बांध के निर्माण के बाद 43 वर्षों से जल समाधइ ले रहा है। 8 महीने तक इस मंदिर की जल समाधइ लेने का कारण ये है कि महाराणा प्रताप सागर झील का जल स्तर बढ जाता है।

इसी वजह से इस मंदिर के केवल मार्च से जून महीने के बीच दर्शन किए जा सकते है। चारों और से सरोवर से घिरा ये मंदिर और भी आकर्षक दिखाई देता है।

navneet