सिर्फ एक कान से सुन पाते हैं वाशिंगटन सुंदर, नाम के पीछे भी है मजेदार कहानी, जानिए वाशिंग्टन सुंदर के बारे में…!!

आप को बता दें कि वाशिंग्टन सुंदर ने कुछ दिनों पहले ब्रिस्बेन में जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंद और बल्ले से शानदार खेल दिखाए हुआ अपना टेस्ट डेब्यू किया था, जिसने उन्हें रातोरात स्टार बना दिया था।
बता दें कि सुंदर ने स्टीव स्मिथ के रुप में अपना पहला टेस्ट विकेट हासिल किया। वहीं गाबा की खतरनाक पिच पर बल्लेबाजी करके अर्धशतक लगाकर सबका दिल जीत लिया।
जानकारी के लिए बता दें कि सुंदर पहले से टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे। उन्हें तीसरे टेस्ट में अश्विन के चोटिल होने की जगह पर डेब्यू करने का मौका दिया गया था। सुंदर के टेस्ट करियर की शुरुआत की कहानी जितनी मजेदार है, उतनी ही दिलचस्प उनकी जिंदगी की कहानी भी है।
आप को जानकर हैरानी होगी लेकिन बता दें कि अपने खेल से शोर मचाने वाले सुंदर एक कान से सुन नहीं सकते है, इसका जिक्र उन्होंने खुद इंटरव्यू के दौरान किया था। हालांकि उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी बीच नहीं आने दिया और हमेंशा से मौके का फायदा उठाते रहे।
तमिलनाडु के इस खिलाडी के जीवन की एक और दिलचस्प चीज है। वो चीज ये है कि इनका नाम वाशिंग्टन है। जो कि सुनते ही लोगों को लगता है कि उनका अमेरिका से कोई संबंध है क्या? या उनके पिता इस शहर को बहुत पसंद करते है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।
वाशिंगटन सुंदर के पिता एम. सुंदर ने एक अखबार से बातचीत करते हुए इस राज से पर्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं एक हिंदू परिवार से आता हूं। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर पूर्व फौजी रहा करते थे, जिन्हें क्रिकेट का बेहद शौक था।
वो हमारा खेल देखने के लिए मरीना ग्राउंड में आया करते थे। उनका नाम था पीडी वाशिंगटन और इसी वजह से उन्होंने अपने बेटे का भा नाम वाशिंगटन रखा।
दरअसल सुंदर के पिता बचपन में काफी गरीब थे, इस दौरान वाशिंगटन ही उनके लिए स्कूल के कपड़े, किताबें लाते थे। उनकी फीस भी पीडी वाशिंगटन ही भरते थे। एम. सुंदर ने कहा कि दोनों के बीच काफी गहरा रिश्ता था। जब उनका चयन रणजी संभावितों में हुआ, तो वे सबसे खुश इंसान थे।
इसके बाद एम. सुंदर ने कहा कि उनकी पत्नी को डिलिवरी के वक्त कुछ दिक्कतें हुईं, मगर बच्चा बच गया। उन्होंने कहा, ‘हिंदू रिवाज के अनुसार मैनें उसके कान में भगवान का नाम ‘श्रीनिवासन’ कहा, मगर बाद में मैंने तय किया कि अपने बेटे का नाम वाशिंगटन ही रखूंगा। यह उस शख्स की याद में है, जिन्होंने मेरे लिए काफी कुछ किया है।’