जब एक अनजान परिवार को बचाने के लिए गावस्कर अकेले भिड गए थे दंगाईयों से, सबके सामने पेश किया था अपने साहस का परिचय, जानिए पूरा किस्सा!!

जब एक अनजान परिवार को बचाने के लिए गावस्कर अकेले भिड गए थे दंगाईयों से, सबके सामने पेश किया था अपने साहस का परिचय, जानिए पूरा किस्सा!!

आप तो जानते ही होंगे कि छोटे कद के गावस्कर क्रिकेट जगत में एक बडा नाम थे। उन्होंने विश्व क्रिकेट के लगभग सभी बडे रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। गावस्कर के बाद कई खिलाडी हुए जिनके रिकॉर्ड उनसे बेहतर है, लेकिन सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि एक खेल व्यक्तित्व की तरह गावस्कर की ऊंचाई कोई छू नहीं सकता।

बता दें कि गावस्कर के दौर में माइकल होल्ड़िंग, सर एंडी रॉबर्ट्स, माल्कोम मार्शल, सर रिचर्ड हेडली, डेनिस लिली जैसे तूफानी गेंदबाज अपनी चरम पर थे।

 

उन गेंदबाजों की रफ्तार ऐसी थी कि बल्लेबाज मैदान छोडकर चले जाते थे। बावजूद इसके गावस्कर बल्लेबाजी करते समय कभी हेलमेट नहीं पहनते है। ऐसे में आज हम सुनील गावस्कर से जुडा एक ऐसा किस्सा बताएंगे, जो कि मैदान से बाहर सनी की दबंगई, बहादुरी और निडरता को दर्शाता है।

ये बात उस दौर की है, जब 1993 में मुंबई दंगो में दहल रहा था। उस दौरान सुनील गावस्कर ने दंगाइयों का सामना करके एक परिवार की जान बचाई थी।

 

दरअसल धमाकों के बाद एक दिन पूरा गावस्कर परिवार अपने घर की छत पर खडा था। तभी गुस्साएं दंगाईयों ने एक परिवार को घेर लिया। ऐसे में सुनील गावस्कर ने तुरंत हालात और परिवार के प्रति दंगाईयों के इरादे भांप लिए।

 

उन्होंने दोडते हुए नीचे जाने के बाद न सिर्फ भीड का सामना किया। बल्कि विनंती करते हुए कहा, ‘इस परिवार के साथ जो करना है करो। लेकिन पहले मेरे साथ भी वैसा ही करना होगा।’

 

ऐसे में अपने जीवन को खतरे में डालते हुए उन्होंने भीड का सामना करके अपने साहस और बहादुरी का बेहतरीन परिचय दिया।

navneet